50 करोड़ी बजट की फ़िल्म ने अबतक पैन इंडिया से 18.25 करोड़ एकत्रित किए है जबकि वर्ल्ड वाइड 23 करोड़ रुपये है.अक्टूबर के आख़िरी वीकेंड में फ़िल्म 20 करोड़ और जोड़ लेगी.
अगर इसके ठुकने के कारण तलाशने निकले, तो वाहियात रिपीटेड कंटेंट को घटिया जोक्स में लिखा गया है.तिस पर सिद्धार्थ मल्होत्रा के चेहरे में कतई दम न है फ़िल्म को सपोर्ट कर सके.
अजय देवगन के बाजुओं में दम है लेकिन अत्यधिक विमल के सेवन ने बेदम कर रखा है. ट्रिपल आर के कैमियो को छोड़ दे, पिछले व हालिया कंटेंट के किरदार ने फ्लॉप से नवाजा है. उधर, अजमेर से दाने-दाने में है केसर का दम वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर घूम-घूमकर मामला बिगाड़ गई. माना कि बॉलीवुडिया समाज माहौल को देखकर कंटेंट में बदलाव कर रहा है. लेकिन हरकतें अब भी वैसी ही है.
इधर, टी-सीरीज वालों को तुरंत प्रभाव से सीबीआई जांच करवानी चाहिए. उनके ऑफिस के आसपास बरखा दत्त तो नहीं आकर गई. हो सकता है लाइफ टाइम पनौती सर्टिफिकेट पकड़ा गई हो. टी-सीरीज पर पनौती बैठी हुई है. 2022 में भूल भुलैया-2 को नजरअंदाज कर दे, तो भूषण कुमार सिर्फ़ देवीलाल ही रहे है. माँगी लाल के दिन बीत गए है.
दृश्यम-2 हिंदी रीमेक चल सकती है!
बशर्ते कंटेंट में बॉलीवुडिया दिमाग न लगा हो, स्क्रीन प्ले ओरिजनल फ्रेम्स को फॉलो कर रहा हो. तब कुछ चानस है।