एक बुद्धिस्ट मॉन्क के एक इंटरव्यू की बहुत चर्चा चल रही है जहां किसी से उनसे पूछा कि आपकी धर्म पुस्तक को कोई कमोड में डाल देगा तो आप क्या करेंगे? मॉन्क ने बहुत व्यवहारिक उत्तर दिया कि प्लंबर को बुलाएंगे… कि कमोड जाम ना हो जाए. किताब का क्या है, दूसरी छप जायेगी…
अच्छा उत्तर है, पर एक कम सोचने समझने वाले व्यक्ति का उत्तर है.
क्या आप यह नहीं सोचेंगे कि किसी ने आपकी धर्म पुस्तक को कमोड में क्यों डाला? आखिर इतनी घृणा आपकी पुस्तक से क्यों थी? और एक कागज़ पर छपी पुस्तक से इतनी घृणा थी तो उस पुस्तक को पढ़ने और उसपर आचरण करने वाले व्यक्ति से कितनी घृणा होगी? जिसने एक पुस्तक से ऐसा व्यवहार किया, अगर उसके पास ताकत होगी तो वह आपसे कैसा व्यवहार करेगा? उसकी पहुंच आपकी पुस्तक तक थी तो उसे कमोड में डाल दिया, अगर आपके बच्चे उसके हाथ में पड़ जाएं तो वह उनके साथ क्या करेगा?
अगर आपके घर के दरवाजे पर एक गड्ढा हो और आप घर से निकलें और उसमें गिर जाएं…आप क्या करेंगे? बेशक घर जायेंगे,कपड़े बदलेंगे, हाथ मुंह धोएंगे… पर किसी दिन आपके बूढ़े पिता उसमें गिर गए तो उनकी कूल्हे की हड्डी टूट जायेगी. कोई छोटा बच्चा उस गड्ढे के पानी में डूब कर मर सकता है. क्या आप उस गड्ढे को भरेंगे नहीं?